18 October, 2021

तिलक कौनसी अंगुली से करना चाहिए Tilak konsi anguli se karna chahiye, क्या आप जानते है

तिलक कौनसी उँगली से करना चाहिए (Tilak konsi anguli se karna chahiye ), क्या आप जानते है ? तो आइये जानते है 

तिलक लगाने की परंपरा सनातन धर्म मे अनादि काल से चली आ रही है। सनातन परंपरा में अतिथियों का स्वागत तिलक लगाकर ही किया जाता रहा है। कोई भी मांगलिक कार्य हो या कोई पूजा हो उसमे भी तिलक का विशेष महत्व है।

तिलक क्या है Tilak Kya hai

चंदन केशर कुमकुम भस्म आदि से ललाट पर या माथे पर दोनों भौंहों के मध्य लगाए जाना वाला चिन्ह ही तिलक कहलाता है। यह तिलक अलग अलग वस्तु का या अलग अलग प्रकार का हो सकता है। विशेषतः कुमकुम का ही तिलक लगाया जाता है लेकिन कुमकुम के अलावा चंदन, केशर, भस्म, नदी तट की मिट्टी, चींटी की बाम्बी आदि का भी तिलक लगाया जा सकता है।

तिलक लगाने के स्थान कौन कौनसे है Tilak Lagane ke sthan kaun kaunse hai

तिलक माथे पर तो लगाया जाता है ही इसके अलावा ग्यारह ओर स्थान पर तिलक लगाया जाता है। शरीर के बारह स्थानों पर तिलक लगाये जाने का विधान है। सिर, ललाट, कंठ, हृदय, दोनों बाँहों में, नाभि, पीठ, दोनों बाहुमूल और दोनों कर्ण इन बारह स्थान पर तिलक लगाया जाता है।

तिलक लगाने का मंत्र Tilak Lagane ka mantra

तिलक लगाते समय इस मंत्र का उच्चारण अवश्य करना चाहिए

केशवानंद गोविंद वाराह पुरुषोत्तम।

पुण्यं यशस्यमायुष्यं तिलकं में प्रसीदतु।।

कान्ति लक्ष्मीं धृतिं सौख्यं सौभाग्यमतुलं बलम्।

ददातु चंदनं नित्यं सततं धारयाम्यहम्।।

तिलक कौनसी अंगुली से करना चाहिए Tilak konsi anguli se karna chahiye

तिलक लगाने में हाथ की सभी अंगुली (तर्जनी, मध्यमा, अनामिका और कनिष्ठा) और अँगूठे का प्रयोग किया जाता है।

तर्जनी : पितृगणों अर्थात पिंड को तिलक करने के लिए दांये हाथ की तर्जनी अंगुली का उपयोग किया जाता है।

मध्यमा : स्वयं को तिलक लगाने के लिए दांये हाथ की मध्यमा अंगुली का प्रयोग किया जाता है।

अनामिका : भगवान एवं देवताओ को तिलक लगाने के लिए अनामिका अंगुली का प्रयोग किया जाता है।

कनिष्ठा : भाई दूज पर भाई को बहन के द्वारा तिलक लगाने के लिए कनिष्ठा अंगुली का उपयोग किया जाता है।

अँगूठा : ब्राह्मण और अतिथियों को तिलक लगाने के लिए अँगूठे का प्रयोग किया जाता है। सनातन धर्म में ब्राह्मणों और अतिथियों को देवताओं के समान माना गया है अतः उनको तिलक लगाते समय अनामिका उँगली से एक बिंदी लगाने के बाद अगूंठे से तिलक लगाना चाहिए और अंगूठे को दो बार फैरना चाहिए।

क्षत्रिय को कौनसा तिलक लगाना चाहिए Kshatriya ko kaunsa Tilak Lagana Chahiye

क्षत्रिय लाल रंग का तिलक लगाना चाहिए क्योंकि ये देवी के उपासक होते हैं। प्रारम्भ से ही क्षत्रिय युद्ध का प्रतिनिधित्व करते आ रहे है और लाल रंग शौर्य का प्रतीक है, इसीलिये क्षत्रिय को लाल रंग का ही तिलक लगाना चाहिए।

ब्राह्मण को कौनसा तिलक लगाना चाहिए  Brahaman ko kaunsa Tilak Lagana Chahiye

अनादि काल से ही ब्राह्मण शांति और पवित्रता के प्रतीक रहे हैं इसीलिये ब्राह्मणों को सफेद चंदन का तिलक लगाना चाहिए।

वैश्य को कौनसा तिलक लगाना चाहिये Veshya ko kaunsa Tilak Lagana Chahiye

वैश्य समाज के लोग कारोबार करने वाले होते है इसलिए उन्हें पीले रंग का तिलक लगाना चाहिए क्योंकि पीला रंग तरक्की का परिचायक है।

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